हमारे इवेंट शेड्यूल
कार्यक्रम अनुसूची
कार्यक्रम के बारे में :
यह श्री प्राणनाथ जी की तारतम वाणी में छिपे आध्यात्मिक रहस्यों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए है, जिसका उपयोग कोई भी व्यक्ति अपनी आध्यात्मिक यात्रा के दौरान और दूसरों को जागृत करने के लिए कर सकता है। साथ ही सभी के बीच आपसी सम्मान को बढ़ावा दें। प्रेम प्रणामजी
कार्यक्रम स्थल:
ऑनलाइन ज़ूम मीटिंग
संपर्क फेसबुक : श्री प्राणनाथ जी वाणी
कब :
प्रतिदिन सुबह : सोमवार से शुक्रवार
4:45 AM से 8:00 AM (IST)
कार्यक्रम वक्ता
हमारे कुछ वक्ता
डॉ समीर जी
वाणी चर्चा
डॉ समीर जी
वाणी चर्चा
डॉ समीर जी
वाणी चर्चा
डॉ समीर जी
वाणी चर्चा
डॉ समीर जी
वाणी चर्चा
डॉ समीर जी
वाणी चर्चा
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कार्यक्रम अनुसूची
कार्यक्रम स्थल: ऑनलाइन ज़ूम मीटिंग
संपर्क फेसबुक: श्री प्राणनाथ जी वाणी
चितवन
श्री राजन स्वामी जी
चितवनि की क्या आवश्यकता है?
चितवनि के बिना आत्म-जाग्रति सम्भव नहीं है। ज्ञान, प्रेम, सेवा, शुक्र बजाना, विनम्रता, संतोष आदि का बहुत महत्व है, किन्तु इस जागनी ब्रह्माण्ड में चितवनि का आधार लिये बिना आत्म-जाग्रति की कल्पना नहीं की जा सकती है। महामति जी के तन से श्री प्राणनाथ जी की लौकिक लीला समाप्त होने के पश्चात् चितवनि ही एकमात्र साधन है, जिससे अक्षरातीत युगल स्वरूप का साक्षात्कार, उनकी कृपा, प्रेम, आनन्द, व अन्य सभी उपलब्धियाँ प्राप्त की जी सकती हैं। सुन्दरसाथ के लिए तो यह परम धर्म है।
चितवन
श्री राजन स्वामी जी
चितवनि क्या है?
आत्मिक दृष्टि से परमधाम, युगल स्वरूप, तथा अपनी परआतम (आत्मा के मूल तन) को देखना ही चितवनि (ध्यान) है। सामान्य भाषा में इसे ध्यान, साधना या meditation भी कहते हैं। सर्वप्रथम सदगुरु श्री देवचन्द्र जी (श्री श्यामा जी) ने चितवनि के मार्ग पर चलकर दिखाया। चितवनि करते समय उन्हें साक्षात्कार भी हुआ। तत्पश्चात् महामति जी (श्री इन्द्रावती जी) ने इस मार्ग को अपनाया तथा अपनी लौकिक लीला के अन्तिम तीन वर्ष पन्ना जी में चितवनि करके सुन्दरसाथ के लिए भी एक उदाहरण प्रस्तुत किया। उन पर समर्पित ५०० परमहंस सुन्दरसाथ ने भी चितवनि करके भरपूर लाभ उठाया।
श्री बीतक साहेब चर्चा
श्री सुंदरसाथ जी
श्री सिंधी मंथन
श्री सुंदरसाथ जी
मीठी बतियाँ ( मीठी बतियाँ / देश विदेश से सुंदरसाथ जी के भाव )
श्री सुंदरसाथ जी
श्री कृष्ण त्रिधा लीला चर्चा
श्री सुंदरसाथ जी
श्री कृष्ण त्रिधा लीला की क्या आवश्यकता है?
धाम धनी जी की मेहर से प्यारे सतगुरु श्री राजन स्वामी जी के अनुपम टीका से उद्धृत ‘श्री प्राणनाथ जी वाणी' यूट्यूब चैनल पर हुई 'श्री कृष्ण त्रिधा लीला' की अद्धभुत चर्चा को सुनकर हमारे प्यारे सुंदरसाथ जी द्वारा लेखन की अति सुंदर प्रेमपूर्ण सेवा की गयी है।
श्री प्राणनाथ ज्ञानपीठ ई-गोष्ठी
श्री राजन स्वामी जी - श्री प्राणनाथ ज्ञानपीठ
चितवनि की क्या आवश्यकता है?
बेहद के साथी सुनो, बोली बेहद वानी।
बड़े बड़े रे हो गए, पर काहूं न जानी।।
प्रत्येक रविवार को ई-गोष्ठी के माध्यम से सभी सुंदरसाथ को नियमित रूप से पूज्य स्वामी जी के आशीर्वचन सुनने का सौभाग्य प्राप्त होता है। आप सभी सुंदरसाथ जी से निवेदन है कि श्री प्राणनाथ ज्ञानपीठ के ज़ूम सत्र में समय से जुड़ें।
अधिक जानकारी के लिएआत्मदर्शनम् - अपनी आत्मा की रोशनी से साक्षात्कार
श्री प्राणनाथ जी वाणी परिवार
क्या आप ऐसा कोई प्लेटफॉर्म ढूँढ रहे हैं जहाँ आप अपने पूरे परिवार (उम्र के बंधनों के बिना) के साथ बैठ कर हंसते - खिलखिलाते है, बातें करते हुए प्रेम से धार्मिक और नैतिक संस्कार प्राप्त किये जा सकते हैं?
इस दिन से हो सकता है सफ़र आरंभ आपकी आत्मा से जुड़ने का,
शांति, शक्ति और संतुलन की ओर पहला कदम बढ़ाने का।
हम लेकर आ रहे हैं 'आत्मदर्शनम्', एक ऐसा आध्यात्मिक अनुभव जो आपको आपके भीतर की शांति और सकारात्मकता से जोड़ेगा।
✨ क्या मिलेगा आपको इस सफर में?
ध्यान और साधना के गहरे अनुभव।
भीतर छुपी आत्मिक शक्ति का एहसास।
सच्चे आनंद और आत्मज्ञान की ओर पहला कदम।