|| प्रेम खोल देवे सब द्वार ||
सखियन की मीठी बतियाँँ
|| हक श्री धामधनी जी के लाड़ले सखियन की मीठी बतियाँ ||
मीठी बतियाँ
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याद रखने लायक मीठी बतियाँँ.
                        
                                    दुष्यंत तोमर जी (मेरठ, उत्तर प्रदेश)
मेरे प्रियतम के अलावा दूसरा कोई संबल नहीं है, कोई सहारा नहीं है, केवल राजजी हैं।
                                    कमलेश भाई पटेल जी (हिम्मतनगर, गुजरात)
मंदिर, मस्जिद और चर्च सब जगह गए पर अंदर की शांति निजानंद सम्प्रदाय में आकर ही मिली।
                                    प्रफुल्ला भंडेरी जी (सूरत, गुजरात)
धनी जी मैं सब कर सकती हूँ पर अपना दिल किसी और को नहीं दे सकती।
                                    स्तुति शाह जी (न्यूज़ीलैंड)
Respect everyone but Love only one (Shri Rajji).
                                    ज्योत्सनाबेन जी (राजकोट, गुजरात)
हे धाम धनी! इस संसार में यह तन रहे, ये श्वास रहें, जितनी भी आयु है तेरे नाम पर बीते तेरी सेवा में बीते।
                                    विवेक यादव जी (कानपुर, उत्तर प्रदेश)
मेरे सतगुरु के दर्शन कर लिए तो समझो रब को देख लिया।
                                    श्रीनिवास शर्मा जी (दिल्ली)
हम सब कौल करके आए हैं - जागो और जगाओ। हम स्वयं जागें और सबको जगाएँ।
                                    कनु भाई पटेल जी (यू.एस.ए.)
सतगुरु किसी तन का नाम नहीं है। तन तो बदलते रहते हैं। उनके अंदर की शक्ति को पहचानना है।
                                    नीना भुच्चर जी (नवांशहर, पंजाब)
श्री मुख वाणी टीका पढ़ने के लिए नहीं बल्कि पीने के लिए है।
                                    कावेरी पटेल जी (मुंबई)
अगर मेरे सतगुरु आज भी श्रीजी की तरह 5000 की जमात लेकर चलें तो मैं सबसे पहले उनके साथ चलूँगी।
                                    इंद्रावती उप्रेती (नेपाल)
हमारी एक ही मंजिल है – वाणी मंथन करके राजजी का दीदार।